Wednesday 12 July 2017

Best Speech In 15 August || 15 August Independence Day Speech In Hindi

15 August Independence Day Speech In Hindi

Hi guys HOW ARE YOU ALL! If you are Searching 15 August speech it is good and helpful place for you Because we have multiple type speech avilable in 15 August. in this day freedow to British Company. 15 August 1947 India freedom. we Hindi and English speech available in independence day. if you want go plese scroll down.

15 August Independence Day Speech In Hindi

15 August Independence Day Speech In Hindi




15 अगस्त हम सब के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है इस दिन हमारा देश ब्रिटिश रियासत के आधीन 15 अगस्त १९४५ को स्वतंत्र हुवा था| इस के लिए बहुत लोगो ने अपने जान की क़ुरबानी दी थी |

सिंहासन हिल उठे राजवंशों ने भृकुटी तानी थी,
बूढ़े भारत में आई फिर से नयी जवानी थी,
गुमी हुई आज़ादी की कीमत सबने पहचानी थी,
दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी।
चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी।।


  
शहीदों का खून रंग लाया जिस सरकार के राज्य में सूरज कभी नहीं डूबता था ऐसी शक्तिशाली साम्राज्यवादी सरकार भी आखिर निहत्थे भारतवासियों के सामने झुक गई। 15 अगस्त का पावन दिन आया। परतंत्रता की काली रात्रिसमाप्त हुई और स्वतंत्रता का नव प्रभात निकला। भारत माता अपने सौभाग्य पर एक युग के बाद हंस उठी।   

यह दिन भारतीय जीवन का खुशी दिन बन गया। भारत के इतिहास का तो एक स्वर्णिम दिन है। भारत स्वतंत्र हो गया। लेकिन अभी उसके सामने देश के निर्माण का काम था। यह काम धीरे-धीरे हो रहा है।  

खेद की बात है कि इतने वर्ष व्यतीत हो जाने पर भी भारत अपने सपने को साकार नहीं कर पाया। इसका कारण वैयक्तिक स्वार्थों की प्रबलता है। दलबंदी के कारण भी काम में विशेष गति नहीं आती। हमारा कर्तव्य है कि देश के उत्थान के लिए इसकी ईमानदारी का परिचय दें। प्रत्येक नागरिक कर्मठता का पाठ सीखे और अपने चरित्र, बल को ऊंचा बनाए।    

जनता एवं सरकार दोनों को मिलकर देश के प्रति अपने कर्तव्य को पूरा करना है। युवक देश की रीढ़ की हड्डी के समान है। उन्हें देश का गौरव बनाए रखने के लिए तथा इसे संपन्न एवं शक्तिशाली बनाने में अपना योगदान देना चाहिए। राष्ट्र की उन्नति के लिए यह आवश्यक है कि हम सांप्रदायिकता के विष से सर्वथा दूर रहें। सभी निज संस्कृति के अनुकूल ही रचे राष्ट्र उत्थान।   
15


 

0 comments:

Post a Comment

Note: only a member of this blog may post a comment.

Popular Posts